After learning about basics of Bollinger Bands in the previous Market Vidhya lesson (How to trade using Bollinger Bands), we will now learn about various trading strategies using BB.
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Double Top
- The ‘M’ pattern commonly known as the double top when used with BB can add more accuracy.
- This formation occurs when prices are repelled twice by the top band. It indicates that market has exhausted as there is a shift from buyers to sellers and price might fall till the bottom band.
- Double top formation marks the beginning of a Downtrend.
Things to watch out for:
- Firstly, the price should make a high to the upper band, with high volume
- Next a pullback must happen downwards till the middle band
- Then, price again moves up to the first high, but fails at or below the upper band
- Finally, double top is confirmed when the price falls to the lower band and completes two candles whose bodies are below the middle band
Tip - Traders can put a stop loss while trading this setup at the lower ‘price high’ of the M formation
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Double Bottom
- The ‘W’ pattern commonly known as the double bottom when used with BB can add more accuracy.
- This formation occurs when prices drop to the bottom band twice and then are repelled upwards. It indicates beginning of an uptrend as the downward pressure reduces with a shift from sellers to buyers.
- Double bottom formation marks the beginning of an Uptrend.
Things to watch out for:
- Firstly, the price makes a low usually below the lower band, with high volume
- Next a retracement happens upwards to the middle band
- Then, price again moves down but will hold on or above the lower band showing losing downside momentum
- Finally, double bottom is confirmed when the price rallies to the upper band and completes two candles whose bodies are above the middle band
Tip - Traders should always wait until all four steps are complete before taking a trade to avoid false signals
In the above hourly chart of Euro, there is a ‘W’ pattern seen with a double bottom.
- Firstly the price crosses the lower band and makes a low at 1.2770. Then it retraces to the middle band (1.2830) and falls back to the lower band (1.2780) .
- However, price holds on to the lower band and does not fall beyond it losing its downside momentum.
- Finally the price rallies from here with consecutive strong bullish candles, confirming the Double bottom formation.
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Bollinger Band Squeeze
- The BB squeeze occurs when the price movement contracts to a narrow range. This strategy helps traders to gauge the initiation of an upcoming big move.
How to trade using BB squeeze?
- Usually it is traded on daily charts, but it can also be effective on shorter time frames
- When the distance between the bands tighten during a period of low volatility, it raises the likelihood of a sharp price move in either direction
Traders use the squeeze as a signal generator, when:
- Bands squeeze within 10 points and a full candle completes above or below the middle band
- Candle above the middle band indicates beginning of an uptrend and Buy signal is generated
- Candle below the middle band indicates beginning of a downtrend, hence Sell signal is generated
- Stop loss should be placed at the other end of the candle
In the above 30 min chart of MCX crude oil, BBs squeeze with sideways movement in price indicating period of low volatility. A Buy signal is then generated with prices crossing and closing above the upper band which is then followed by a big rally upwards.
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Reversals with BB - Breaking the Bands
- When stock prices start trading outside the upper or lower band it is called “Breaking the Bands”
- It occurs mostly during times of high volatility and a trend reversal signal is generated
- When prices break the upper band, an “over-bought” signal is generated and when prices break the lower band “over-sold” signal is generated. Both are recognised as Reversal Signals.
Rules to trade this strategy
- Look for prices trading outside the BB, during times of high volatility
- If the stock price gaps up through its upper band limit and the candle closes near its low still completely outside the upper band. A Sell signal is generated indicating that the stock will correct (fall) in near term.
- If the stock price gaps down through its lower band limit and the candle closes near its high still completely outside the lower band. A Buy signal is generated indicating that the stock will rise in the near term.
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Bollinger Bands acting as Support & Resistance
- This BB strategy gives an indication of future volatility and will act as strong support & resistance in a trending market
- In the below daily chart of spot gold, both during uptrend and downtrend the upper and lower BB acted as strong resistance and support
- Traders must look for opportunities to trade within the bands and strongly follow the trend.
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डबल टॉप
- ‘M’ 'पैटर्न को आमतौर पर डबल टॉप के रूप में जाना जाता है और इसके साथ बोलिंजर बैंड का उपयोग करने से आप अधिक सटीकता जोड़ सकते हैं।
- यह गठन तब होता है, जब कीमतें ऊपरी बैंड द्वारा दो बार भंग कर दी जाती हैं। यह इंगित करता है कि बाज़ार खरीदारों से विक्रेताओं में बदल गया है और कीमत निचले बैंड तक गिर सकती है।
- डबल टॉप का गठन डाउनट्रेंड की शुरुआत का संकेत देता है।
इस स्ट्रेटेजी के इस्तिमाल में ध्यान देने योग्य महत्वपूर्ण तर्क:
- सबसे पहले, हाई वॉल्यूम के साथ कीमत को ऊपरी बैंड पर उच्च (हाई) बनाना चाहिए
- इसके बाद, एक पुलबैक नीचे की और मध्य बैंड तक होना चाहिए
- फिर, कीमत पुनः से पिछले उच्च स्थान तक बढ़ती है, लेकिन ऊपरी बैंड से या उसके नीचे से विफल हो जाती है
- अंत में, डबल टॉप की पुष्टि हो जाती है जब कीमत निचले बैंड तक गिरती है और दो कैंडल पूरी तरह से मध्य बैंड के नीचे बंद होती है
टिप: ‘M’ 'पैटर्न के निचले 'उच्च कीमत' पर स्टॉपलॉस रख सकते हैं
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डबल बॉटम
- ‘W’ 'पैटर्न को आमतौर पर डबल बॉटम के रूप में जाना जाता है और इसके साथ बोलिंजर बैंड का उपयोग करने से आप अधिक सटीकता जोड़ सकते हैं।
- यह गठन तब होता है, जब कीमतें निचले बैंड को दो बार छूती हैं और फिर ऊपर की तरफ बढ़ जाती हैं। यह एक अपट्रेंड की शुरुआत का संकेत देता है क्योंकि कीमत नीचे के दबाव से बहार आते हुए बाजार विक्रेताओं से खरीदारों में बदल जाता है।
- डबल बॉटम का गठन अपट्रेंड की शुरुआत का संकेत देता है।
इस स्ट्रेटेजी के इस्तिमाल में ध्यान देने योग्य महत्वपूर्ण तर्क:
- सबसे पहले, हाई वॉल्यूम के साथ कीमत को निचले बैंड के नीचे निम्न (लौ) बनाना चाहिए
- इसके बाद, एक रिट्रेसमेंट ऊपर की और मध्य बैंड तक होना चाहिए
- फिर, कीमत पुनः से पिछले निम्न स्थान तक गिरती है, लेकिन निचले बैंड तक या उसके ऊपर रुक जाती है। इससे संकेत मिलता है कि विक्रेताओं की ताकत खो गयी है
- अंत में, डबल बॉटम की पुष्टि हो जाती है, जब कीमत ऊपरी बैंड तक जाती है और दो कैंडल पूरी तरह से मध्य बैंड के ऊपर बंद होती है
टिप: व्यापारियों को हमेशा गलत संकेतों से बचने के लिए, ट्रेड लेने से पहले ऊपर दिए गए चरों चरणों का पूरा होने का इंतजार करना चाहिए
ऊपर दिए गए यूरो के एक घंटे के चार्ट में, डबल बॉटम के साथ W’ 'पैटर्न दिखाई दे रहा है।
- सबसे पहले कीमत निचले बैंड को पार करती है और 1.2770 पर लो बानाती है।
- फिर कीमत मध्य बैंड (1.2830) तक ऊपर जाती है और वहां से लौटकर फिर लोअर बंद तक गिर जाती है। हालांकि, कीमत नीचे की गति को खोने से और नहीं गिरती है, और निचले बैंड पर टिक जाती है।
- अंत में, यहां से कीमत तेजी पकड़ती है और लगातार ऊपर की और बढ़ती है, डबल बॉटम गठन की पुष्टि करते हुए।
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बोलिंजर बैंड स्क्वीज़
- बोलिंजर बैंड स्क्वीज़ तब बनता है जब जब मूल्य आंदोलन एक संकीर्ण सीमा में बंध जाता है। यह रणनीति आगे आने वाले बड़े आंदोलन को पहचानने में ट्रेडर की मदद करती है।
बोलिंजर बैंड स्क्वीज़ का उपयोग कैसे करें?
- आमतौर इसका प्रयोग दैनिक चार्ट पर किया जाता है, लेकिन यह कम समय सीमाओं पर भी प्रभावी हो सकता है।
- जब बैंड्स के बीच की दूरी कस्ती है, तो यह दिशा में तेज कीमत की गति की संभावना बढ़ाता है।
ट्रेडर्स सिग्नल जनरेटर के रूप में स्क्वीज़ का इस्तेमाल करते हैं, जब:
- बैंड के बीच की दूरी 10 अंकों के भीतर होती हैं और एक पूरा कैंडल मध्यम बैंड के ऊपर या नीचे बनता है।
- मध्य बैंड के ऊपर कैंडल का बनना दर्शाता है कि एक अपट्रेंड की शुरुआत है और खरीदने का संकेत उत्पन्न होता है।
- मध्य बैंड के नीचे कैंडल का बनना एक डाउनट्रेंड की शुरुआत का संकेत देता है, इसलिए बेचने का संकेत उत्पन्न होता है।
- स्टॉप लॉस कैंडल के दूसरे छोर पर रखा जाना चाहिए।
ऊपर दिए गए एमसीएक्स क्रूड के 30 मिनट चार्ट में, बोलिंजर बैंड कीमतों में साइडवेज मूवमेंट के साथ सिकुड़ते हैं, जो कम परिवर्तनशीलता का संकेत दे रहे हैं। इसके बाद जब कीमत उप्परि बंद को पार करते हुए उसके ऊपर बंद होती है तो खरीदने का संकेत उत्पन होता है। जिसके बाद एक बड़ी रैली ऊपर की तरफ बढ़ जाती है।
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बोलिन्जर बैंड के साथ ट्रेंड रिवर्सल - "ब्रेकिंग द बैंड”
- जब स्टॉक की कीमतें ऊपरी या निचले बैंड के बाहर कारोबार करती है तो इसे “ब्रेकिंग द बैंड" कहा जाता है।
- यह ज्यादातर हाई वोलैटिलिटी के समय होता है और इससे ट्रेंड रीवर्सल संकेत उत्पन्न होता है।
- जब कीमतें ऊपरी बैंड को पार करती है, तो "ओवर-बौट" संकेत उत्पन्न होता है और जब कीमतों निचले बैंड को तोड़ती है, तो "ओवर-सोल्ड" संकेत उत्पन्न होता है। दोनों रिवर्सल सिग्नल के रूप में जाने जाते है।
इस रणनीति को ट्रेड करने के नियम
- हाई वोलैटिलिटी के समय, बोलिंजर बैंड के बाहर ट्रेड करनेवाली कीमतें तलाशें।
- यदि शेयर की कीमत ऊपरी बैंड के ऊपर गैप अप खुलती है, और कैंडल ऊपरी बैंड के पूरी तरह बाहर से उसके लौ पर बंद होती है तो बेचने का सिग्नल उत्पन्न होता है। यह दर्शाता है कि निकटतम अवधि में स्टॉक गिरेगा।
- अगर शेयर की कीमत निचले बैंड के नीचे गैप डाउन खुलती है, और कैंडल निचले बैंड के पूरी तरह बाहर से उसके हाई पर बंद होती है तो खरीदने का सिग्नल उत्पन्न होता है। यह दर्शाता है कि निकटतम अवधि में स्टॉक बढ़ेगा।
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बोलिंजर बैंड सपोर्ट & रेजिस्टेंस के रूप में
- यह बोलिंजर बैंड रणनीति भविष्य की अस्थिरता का संकेत देती है और मौजूदा ट्रेंडिंग बाजार में मजबूत समर्थन(सपोर्ट) और प्रतिरोध(रेजिस्टेंस) के रूप में कार्य करती है।
- नीचे स्पॉट गोल्ड के दैनिक चार्ट में, अपट्रेंड और डाउनट्रेंड के दौरान, ऊपरी और निचले बोलिंजर बैंड ने मजबूत सपोर्ट & रेजिस्टेंस के रूप में कार्य किया है।
- ट्रेडर्स को बैंड के भीतर ट्रेड के अवसरों की तलाश करनी चाहिए और ट्रेंड का पूरी तरह से पालन करना चाहिए।